No Cost EMI Hidden Charges in Hindi

no cost emi hidden charges
no cost emi hidden charges

क्रेडिट कार्ड EMI से जुड़े शुल्क |

No Cost EMI Hidden Charges: हर कोई आम तौर पर जानता है कि क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का भुगतान नियत तारीख तक कर देना चाहिए | अगर आप पूरा भुगतान नहीं करते हैं, तो आपको भारी ब्याज देना पड़ सकता है | कई बार यह ब्याज सालाना 42 प्रतिशत तक भी हो सकता है | इसके अलावा, कभी-कभी आपको देर से भुगतान करने पर भारी पेनाल्टी भी देनी पड़ सकती है |

लेकिन अगर आपने क्रेडिट कार्ड से कोई बड़ी खरीदारी की है और पूरी राशि नियत तारीख तक चुकाना मुश्किल हो रहा है, तो एक उपाय है पूरी पेमेंट को EMI में बदलना | EMI पर लगने वाला ब्याज उस ब्याज से कम होता है, जो पूरी रकम चुका न पाने पर देना पड़ता है | लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रेडिट कार्ड EMI में बताए गए ब्याज के अलावा, 18% का एक अतिरिक्त शुल्क भी लगता है! |

no cost emi hidden charges

‘नो कॉस्ट EMI’ भी मुफ़्त नहीं है!

कई बार जब आप कोई बड़ी खरीदारी करते हैं, तो आपको विक्रेता या क्रेडिट कार्ड कंपनी द्वारा पूरी रकम को “नो कॉस्ट EMI” में बदलने का लुभावना ऑफर मिलता है। यह योजना आकर्षक लग सकती है, खासकर जब आपको लगता है कि आपको केवल वही रकम चुकानी होगी जो आपने खरीदारी के लिए खर्च की थी, बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि “नो कॉस्ट EMI” में अक्सर छिपी हुई लागतें होती हैं जो आपको बिल आने पर चौंका सकती हैं?

आइए, “नो कॉस्ट EMI” के पीछे की सच्चाई को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि यह आपके लिए फायदेमंद है या नहीं:

“नो कॉस्ट EMI” नाम भ्रामक हो सकता है। वास्तव में, अधिकांश मामलों में, आपको EMI पर ब्याज देना होता है। यह ब्याज दर आपके क्रेडिट स्कोर, चुनी गई अवधि और रिटेलर/क्रेडिट कार्ड कंपनी द्वारा दी जाने वाली शर्तों के आधार पर भिन्न हो सकती है।

यह सच है कि रिटेलर अक्सर आपको EMI राशि के बराबर छूट प्रदान करते हैं, जिससे आपको ऐसा लग सकता है कि आप कोई ब्याज नहीं दे रहे हैं। लेकिन यह छूट केवल EMI ब्याज को कवर करती है, न कि उस ब्याज पर लगने वाले GST (Goods and Services Tax) को।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए आप ₹20,000 की खरीदारी करते हैं और 12 महीने की EMI अवधि चुनते हैं। रिटेलर आपको ₹20,000 की छूट देता है, जिससे आपको लगता है कि यह “नो कॉस्ट EMI” है।

लेकिन, आपको वास्तव में 12 महीनों के लिए हर महीने ₹1,750 (₹20,000/12) EMI के रूप में चुकाना होगा। इस राशि में EMI ब्याज और GST दोनों शामिल होते हैं।

यदि EMI ब्याज दर 20% प्रति वर्ष है, तो 12 महीनों के लिए कुल ब्याज ₹3,200 होगा। इस पर आपको 18% GST, यानी ₹576 देना होगा।

इस प्रकार, आपने ₹20,000 की खरीदारी के लिए कुल ₹23,776 का भुगतान किया होगा, भले ही आपको शुरुआत में “नो कॉस्ट EMI” का आकर्षक ऑफर दिया गया था।

क्रेडिट कार्ड ब्याज पर GST! No Cost EMI Hidden Charges

आपको यह जानना चाहिए कि क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि पर लगने वाले ब्याज पर आपको Goods and Services Tax (GST) भी देना पड़ सकता है | दरअसल, वित्तीय संस्थानों की कई सेवाओं और शुल्कों को GST के दायरे में रखा गया है, जिसका बोझ अंततः ग्राहकों पर ही पड़ता है |

यह आवश्यक है | क्रेडिट कार्ड पर लगने वाला ब्याज भी इसी श्रेणी में शामिल है, जिस पर 18 प्रतिशत की दर से GST का भुगतान करना होता है | यह GST क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन पर लगने वाले ब्याज पर लगाया जाता है | जाहिर सी बात है, अगर आप क्रेडिट कार्ड के खर्च को EMI में बदलते हैं, तो बिल आने पर आपको ब्याज पर 18 प्रतिशत GST भी जोड़ा हुआ मिलेगा | उदाहरण के लिए, अगर आप EMI के लिए 20 प्रतिशत ब्याज दे रहे हैं, तो उस पर 18 प्रतिशत GST जोड़ने के बाद, ब्याज की कुल लागत 23.6 प्रतिशत हो जाएगी |

No Cost EMI Hidden Charges जैसे GST तथा अन्य

‘नो कॉस्ट EMI’ पर GST क्यों?

असल में, नो-कोस्ट EMI के मामले में भी, आमतौर पर ऐसा नहीं होता है कि क्रेडिट कार्ड कंपनी ब्याज नहीं लेती है | असल में, क्रेडिट कार्ड जारी करने वाला बैंक ब्याज लेता है, लेकिन सामान बेचने वाला रिटेलर आपको EMI की पूरी अवधि के दौरान लिए गए ब्याज के बराबर राशि तत्काल छूट के रूप में प्रदान करता है | इसीलिए वह दावा करता है कि इस EMI पर आपकी कोई लागत नहीं है | लेकिन दी जाने वाली छूट में आम तौर पर केवल EMI ब्याज ही शामिल होता है, उस ब्याज पर सरकार द्वारा लगाए गए GST को शामिल नहीं किया जाता है! |

उदाहरण के लिए, यदि क्रेडिट कार्ड EMI ब्याज 20 प्रतिशत प्रति वर्ष है, तो आपको उस पर 18 प्रतिशत GST देना होगा, जो कि कुल EMI राशि का 3.6 प्रतिशत के बराबर होगा | इसका मतलब है कि आपको नो कॉस्ट EMI में भी इतनी लागत का भुगतान करना होगा | इसके अलावा, आपको प्रोसेसिंग शुल्क या किसी अन्य शुल्क के रूप में कुछ और भी पैसा देना पड़ सकता है | इसलिए, यदि आप क्रेडिट कार्ड से खरीदारी को EMI या नो कॉस्ट EMI में बदलने का विचार कर रहे हैं, तो पहले इन सभी अतिरिक्त लागतों को जोड़कर इसकी कुल लागत की गणना करें और उसके बाद ही निर्णय लें | No Cost EMI Hidden Charges

हमारी ये पोस्ट भी पढ़े: चेक बुक कैसे भरे

No Cost EMI Hidden Charges से सम्बंधित FAQs

क्या क्रेडिट कार्ड EMI पर वाकई में कोई ब्याज नहीं लगता है?

नहीं, जरूरी नहीं! कई बार “नो कॉस्ट EMI” स्कीम में छिपी हुई लागतें होती हैं। रिटेलर आपको भले ही ब्याज राशि के बराबर छूट दे दे, लेकिन उस छूट पर आपको 18% GST चुकाना पड़ सकता है।

क्रेडिट कार्ड EMI का ब्याज कितना होता है?

रेगुलर क्रेडिट कार्ड EMI पर लगने वाला ब्याज आम तौर पर आपके क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाली ब्याज दर से थोड़ा कम होता है। यह दर आपके क्रेडिट स्कोर और चुनी गई अवधि के आधार पर भी तय होती है।

क्या देर से EMI पेमेंट करने पर कोई पेनाल्टी लगती है?

हां, बिल्कुल! अगर आप तय समय पर EMI का भुगतान नहीं करते हैं, तो आपको देर से भुगतान करने पर पेनाल्टी के साथ-साथ ब्याज भी देना पड़ सकता है। यह पेनाल्टी राशि हर बैंक के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है।

EMI करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

अपनी खरीद की जरूरत का आकलन करें |
पूरी EMI चुकाने की अपनी क्षमता को मापें |
विभिन्न बैंकों और रिटेलरों के द्वारा दी जाने वाली EMI स्कीमों की तुलना करें |
छिपी हुई लागतों को ध्यान में रखें, जैसे प्रोसेसिंग फीस और GST |

क्या क्रेडिट कार्ड के बिल को पूरा चुकाना EMI करने से बेहतर है?

हां, अगर आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत है और आप अपने क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा भुगतान कर सकते हैं, तो यही सबसे बेहतर विकल्प है। इससे आपको किसी भी तरह का ब्याज या अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा।

3 Comments

  1. Anil Prabhakar

    आपने बहुत अच्छे से बताया है की कैसे No cost emi सच में नो कॉस्ट नहीं है बल्कि बहुत से अतिरिक्त चार्जेज देने पड़ते ह ब्याज़ पर GST के रूप में |

  2. बहुत ही बढ़िया पोस्ट पढ़ क मज़ा आया और काफी जानकारी मिली

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *